Raksha Bandhan Subh Muhurat: सावन माह की पूर्णिमा को हर साल रक्षा बंधन (Raksha Bandhan Festival) का त्योहार मनाया जाता है। इस बार ये पावन दिन 3 अगस्त को पड़ रहा है। ये सोमवार का दिन होगा और सोमवार व्रत के साथ ही सावन माह का समापन भी होगा। ऐसा बहुत कम होता है कि सोमवार के दिन के साथ सावन का महीना समाप्त हो रहा हो। इसलिए ये दिन ऐसे भी बेहद खास बन गया है।
रक्षा बंधन की बात करें तो इस बार दिन इसलिए भी खास है क्योंकि जानकारों के अनुसार इस बार सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिष के कई आचार्य बताते हें कि इस बार रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग करीब 29 साल बाद आया है। खास बात ये भी कि इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी नहीं है।
Raksha Bandhan Subh Muhurat 2020: कब से कब तक?
बहन की ओर से भाई की कलाई पर रक्षा का बंधन करने को लेकर शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। शास्त्रों में भी इसका जिक्र है और कहा गया है कि भद्रा काल में रक्ष बंधन नहीं करना चाहिए। ऐसे ही श्रावणी और फाल्गुणी दोनों ही नक्षत्र में भी रक्षा बंधन को वर्जित कहा गया है। इस बार रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त 3 अगस्त को सुबह 9.27 बजे से रात 9.11 बजे तक का है।
दरअसल, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 2 अगस्त की रात 9 बजे से हो रही है और इसका समापन 3 अगस्त को रात 9.28 बजे होगा। ऐसे में रक्षा बंधन का मुहूर्त करीब 11 घंटे 43 मिनट रहेगा। रक्षा बंधन अपराह्न (दोपहर) मुहूर्त- 01:45 से 4:23 तक है। वहीं, रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त शाम 07:01 से 09:11 तक होगा।
Raksha Bandhan Thali 2020: रक्षा बंधन की थाली कैसे सजाएं
राखी की थाली में राखी के साथ-साथ कुमकुम रोली, हल्दी, चावल, दीपक, अगरबती, थोड़ी दही, मिठाई को आम तौर रखा जाता है। साथ ही कोई उपहार वगैरह भी रख सकते हैं। ऐसे तो उपहार भाई की ओर से ही इस मौके पर दिए जाने की परंपरा है लेकिन अब कई बार बहनें भी अपने भाई को उपहार वगैरह देते हीं, खासकर वो अगर छोटा है।
राखी बांधन से पहले बहनों को कुमकुम हल्दी से भाई का टीका करना चाहिए। फिर दही-चावल का टीका लगाया जाता है। इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधें और उसकी आरती करें। रक्षा बंधन के दिन सुबह ये सभी कार्य स्नान वगैरह कर और शुद्ध वस्त्र धारण करने के साथ करने चाहिए। इस दिन भगवान को भी राखी बांधने की परंपरा है। राखी बांधते समय बहनों को एक खास मंत्र भी पढ़ना चाहिए। मान्यता है कि इससे भाईयों की आयु में वृ्द्धि होती है। ये मंत्र है
'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वांमनुबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल'...


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